Polymers (बहुलक)
Introduction:-
Polymer दो शब्दो से मिलकर बना है,poly+mer जिसका अर्थ है- poly का अर्थ- अधिक/बहुत तथा mer का अर्थ-part/unit/भाग होता हैं।
Definion (परिभााषा):- जब बहुत सारे छोटे और सरल molecules आपस मे क्रिया करके उच्च आण्विक द्रव्यमान वाला बड़ा अणु बनाते है, जिसे बहुलक कहते है। तथा बहुलक बनने की इस प्रक्रिया को बहुलकन या बहुलकी करण (polymerisation)कहते है। बहुलक, एकलक अणुओं के बहुलीकरण से बनता है।
एकलक (Monomer):-बहुलीकरण(polymerisation) की प्रक्रिया मे प्रयुक्त छोटे व सरल अणुओ को एकलक (Monomer) कहते है।
उदाहरण- एथिलिन।
एक ही बहुलक (polymers) को उत्पन्न करने वाले सभी एकलक (Monomer) अणु एकसमान या दो अथवा तीन प्रकार के हो सकते है।
संबहुलक (Homopolymer):-
ऐसे बहुलक जो केवल एक ही प्रकार के एकलक (Monomer) से मिलकर बने होते है, उसे Homopolymer कहते है। उदाहरण:- पॉलीथिन, पीवीसी,(PVC) टेफनाल, आदि।
सहबहुलक या मिश्रित बहुलक (Copolymer or Mixed polymer):-
ऐसे बहुलक जिनका निर्माण दो या अधिक प्रकार के monomer unit से मिलकर बना होता है, उसे सहबहुलक या मिश्रित बहुलक (Copolymer or Mixed polymer) कहते है। उदाहरण:- स्टायइरीन ब्युटाडाईन रबर (SBR)।
बहुलको का वर्गीकरण (Classification of polymers)
1) उत्पत्ति या स्त्रोत के आधार पर वर्गीकरण :- उत्पत्ति या स्त्रोत के आधार पर बहूलको को दो वर्गो मे वर्गीकृत किया गया है-
1. प्राकृतिक बहूलक(Natural polymers):-
वे बहुलक जो प्रकृति मे पोधो एवं जीवों में पाए जाते है, उन्हें प्राकृतिक बहूलक(Natural polymers) कहते है।
2. अर्धसंश्लेषित बहूलक ( Semi-synthetic polymers):-
ये प्राकृतिक बहूलक(Natural polymers) होते है जिन्हे रासायनिक विधियों द्वारा प्रवर्धित (modified) किया जाता हैं। उदाहरण:- सेल्यूलोज का सल्फ्यूरिक एसिड की उपस्थिति में एसिटिक एनहाइड्राइड द्वारा एसिटीलिकरण करने पर सेल्यूलोस एसिटेट (रेयान) बनता है।
3. र्संश्लेषित बहूलक (Synthetic polymers):-
वे बहुलक जिन्हें मानव द्वारा प्रयोगशाला में बनाया जाता है उसे संश्लेषित बहुलक कहते है। उदाहरण:- नायलान, टेरिलीन, बैकेलाईट, टेफनोल,पीवीसी आदि।
2) संरचना के आधार पर वर्गीकरण(Classification based on structure):-
1. रेखीय बहुलक(Linear polymers):-
इस प्रकार के polymers मे monomer units
मिलकर लम्बी सीधी श्रृंखला (Long straight chain) बनाते है, उसे रेखीय बहुलक(Linear polymers) कहते है। उदाहरण:-पीवीसी,नायलान, पालिएस्टर, पालीएथिलिन आदि।
2. शाखित श्रृंखला बहुलक(Branched chain polymers):- इस प्रकार के बहुलको में एकलक इकाइयां आपस मे जुड़कर एक लम्बी श्रृंखला बनती है, जिसे मुख्य श्रृंखला कहते है। इस मुख्य श्रृंखला से कई साइड चैन निकलती हैं, जो कि शाखित होती हैं। उदाहरण:- ऐमिलोपेक्टिन, ग्लाइकोजेन आदि।
3 तिर्यक बंध बहुलक(Cross linked polymers):-इस प्रकार के बहुलक इकाइयां, परस्पर जुड़कर त्रिविम जाली बनाते है। ये बहुलक मजबूत, कठोर,तथा भंगुर प्रकृति के होते है।उदाहरण:-बैकेलाई, फॉर्मल्डीहाइड,रेजिन आदि।
बहुलीकरण के प्रकार के आधार पर वर्गीकरण (Classification based on mode polymarisation):- दो प्रकार
1. योगात्मक बहुलक(addition polymers):-जब एकलक एक-दूसरे से जुड़कर श्रृंखला बनाए तथा किसी उपजात अणु जैसे H2O,NH3 या एल्कोहल आदि का विलोपन न हो, तो प्राप्त उत्पाद योगात्मक बहुलक(addition polymers) कहलाता है। तथा इस प्रक्रम को योगात्मक बहुलीकरण कहते हैं। उदहारण:- पॉलीएथिलीन, पॉलिप्रोपिलीन, टेफनोल पीवीसी आदि।
2. संघनन बहुलक(condensation polymers):- इस प्रकार के बहुलक संघनन बहुलीकरण द्वारा बनते है। संघनन बहुलीकरण में दो या अधिक क्रियात्मक समूह वाले एकलक इकाइयां आपस मे क्रिया करके बहुलक बनाते है और साथ में H2O, CO, CH3OH, या NH3 जैसे सरल अणु ओ का विलोपन होता हैं। उदहारण:-डेक्रान, टेरीलिन,बैकेलाईट,नायलॉन 6,6 आदि l
आण्विक बलो के आधार पर वर्गीकरण (classification based upon molecular forces):- चार प्रकार
1. प्रत्यास्थत बहुलक (Elastomer):- ऐसे बहुलक जो खींचने पर अपने लम्बाई से गुना फैलते हैं।ये क्रास लिंक, अक्रिस्टलिय बहुलक होती हैं। तनाव रहित करने से ये अपनी मूल आकृति में लौट आते है। प्राकृतिक रबर के वालकैनाईजेशन से अच्छे एलास्टोमर प्राप्त किए जाते हैं।
2. तंतु या फाइबर (Fibres):- ये रेखीय बहुलक होते है। इनमें हाइड्रोजन बोंड, उच्च तनन शक्ति किन्तु निम्न प्रत्यास्थत(elasticity) गुण होते है। किसी बहुलक मे फाइबर गुण होने के लिये इसकी लम्बाई इसकी व्यास से कम से कम100 गुनी होनी चाहिए। उदहारण:-डेक्रान, नायलॉन, और सिल्क।
3. तापसुनम्य या थर्मोप्लास्टिक (Thermoplastic):-ये ऐसे बहुलक होते है, जो गर्म किये जाने पर मुलायम हो जाते है एवं कमरे के ताप पर ठंडा करके मनचाहे आकार में ढाला जा सकता है। अधिकांश योगात्मक बहुलक इसी श्रेणी में आते हैं। उदहारण:- पॉलीथिन, पॉलीस्टाइरीन।
4. ताप दृढ या थरमोसेटिंग बहुलक(Thermosetting):- ऐसे बहुलक होते है, जो गर्म किये जाने पर कठोर एवं दुर्गलनिय हो जाते है एवं ठंडा किये जाने पर अपने मूल रूप में वापस नहीं आते है। इनका निर्माण संघनन बहुलीकरण से होता हैं। इनकी त्रिविमीय क्रास लिंकड संरचना होती हैं।उदहारण:- बैकेलाईट, यूरिया,टेरीलिन, रेजीन,फॉर्मल्डीहाइड आदि।
Polymerization ( बहुलीकरण ) के नोट्स के लिए, यहां click करें।
अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो, तो comment करके जरूर बताएं।
और इस पोस्ट को share जरूर करे।
Thank you for visiting our website.
إرسال تعليق
Please do not comment any spam link in the comment box🙏