Oogenesis (अण्डजनन) notes in hindi

Oogenesis (अण्डजनन)

Oogenesis (अण्डजनन) की प्रक्रिया सभी प्राणियों में एक gametogenesis की process का भाग है , जो की मादा (female) प्राणियों के अंडाशय में होती है।

मादा जंतुओं के अंडाशय को आस्तरीत करने वाली जर्मिनल एपीथीलियम की जनन कोशिकाओं की परिपक्वन प्रक्रिया को अण्डजनन (oogenesis) कहते है , जिसमे गुणसूत्रों की संख्या जनन कोशिकाओं से आधी रह जाती है। अण्डजनन (Oogenesis) की प्रक्रिया को तीन प्रावस्थाओ में बांटा गया है -
Oogenesis (अण्डजनन)

1. गुणन प्रावस्था (Multiplication phase) :- 

यह अण्डजनन (Oogenesis) की पहली अवस्था है। अंडाशय को आस्तरीत करने वाली प्रारंभिक जनन कोशिकाएं (Primary germ cells) समसूत्री विभाजन द्वारा विभाजित होकर संख्या में बढ़ती है । इस प्रकार बनी कोशिकाएं ऊगोनिया (oogonia) कहलाती है।

2. वृद्धि प्रावस्था (Growth phase) :- 

यह अण्डजनन (Oogenesis) की दुसरी अवस्था है। यह spermatogenesis की वृद्धि प्रावस्था से अपेक्षाकृत लंबी होती है। Oocyte के वृद्धि प्रावस्था मे होने वाले परिवर्तन को दो भागो में बांटे जाते है : 

(A) प्रिविटेलोजेनेसिस (Previtellogenesis) :- 

                                          इस अवस्था में oocyte के कोशिकीय घटकों मे काफी वृद्धि होती है इस अवस्था में कोशिकाद्रव्यीय (Cytoplasmic) घटकों का संश्लेषण होता है जिससे oocyte का आयतन बढ़ जाता है। 

ii) समय (Time) -

 विभिन्न अंडाणुओं में वृद्धिकाल भिन्न-भिन्न होता है । कुछ में यह अनेक वर्षों तक चलता है , कुछ में जैसे- मुर्गी के oocyte यह दो सप्ताह में पूरा हो जाता है। 

iii) परिमाण में वृद्धि - 

वृद्धि प्रावस्था मे primary oocyte का आकार काफी बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए मेंढक के primary oocyte का व्यास 50 μ होता है। वृद्धि प्रावस्था के बाद परिपक्व (Mature) अण्डे (egg) का व्यास लगभग 1000-2000μ हो जाता है। मुर्गी के oocyte का आकार 200 गुना और मेंढक के oocyte का परिमाण 20 से 40 गुना अधिक हो जाता है।

 iii) केंद्रकीय परिवर्तन (Nuclear changes) - 

केंद्रक (Nucleus) मे व्यापक परिवर्तन होते है। नाभिकीय द्रव्य (Nuclear material) की मात्रा बढ़ जाती है, क्योंकि DNA और RNA दोनो की मात्रा में वृद्धि होती है। DNA polymerase का संश्लेषण (synthesis) और m-RNA का transcription होता है । उभयचरो , रेप्टाइल और पक्षियों के oocyte में लैंप ब्रूस क्रोमोसोम दिखाई देते है। chiasmata प्रगट हो जाता है। उभयचारो के primary oocyte में 600-1200 nuclei दिखाई देते है। जिससे RNA की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। 

iv) कोशिकाद्रव्यीय (Cytoplasmic) पदार्थों में वृद्धि -

 वृद्धि प्रावस्था मे कोशिकाद्रव्यीय अवयव संख्या और मात्रा दोनो में वृद्धि करते है। a. माइटोकांड्रिया : माइटोकांड्रिया की संख्या में वृद्धि होती है और इनके समूह mitochondrial बादल के रूप में प्रगट होते है। माइटोकांड्रिया के DNA की मात्रा केंद्रीय DNA से भी अधिक हो जाती है। b. Endoplasmic reticulum: यह झिल्ली के रूप में दिखाई देती है। इसपर राइबोसोम नही रहते है। Endoplasmic reticulum की अभिक्रिया दोहरी झिल्लियों के छन्नियो (stalks) के रूप में दिखाई देती है। c. कॉर्टिकल कण : गॉल्जी कॉम्प्लेक्स कॉर्टिकल कणों का निर्माण करती है। यह म्यूको polysaccharide के बने होते है और निषेचन के बाद निषेचन झिल्ली बनाता है। d. फॉलिकल कोशिकाएं : अंडाणु को घेरे हुए अतिरिक्त कोशिकाएं होती है जो अंडाणु का पोषण करती है इन्हे फॉलिकल कोशिकाएं कहते है। 

(B) विटैलोजेनेसिस (vittelogenesis) :-

                                      इसके अंतर्गत पीतक का निर्माण होता है। स्तनधारियों के अंडाणु में पीतक लगभग नही होता है। उभयचर, सरीसृप और पक्षियों के अंडाणुओं में पीतक की मात्रा पर्याप्त रहती है। यह संचित पोषण पदार्थ है , जो पट्टिकाओ या कण के रूप में रहता है। 

पीतक की उत्पत्ति (Yolk formation) -

अण्डजनन (Oogenesis) के प्रारंभ में oocyte मे पीतक नही रहता है ,किंतू वृद्धि प्रावस्था मे पीतक oocyte में संचित होना प्रारंभ हो जाता है। पीतक की प्राप्ति के दो स्रोत है -: 

a. अंडाणु द्वार : पीतक की अल्प मात्रा अंडाणु में उपस्थित अवयवों द्वारा जैसे - राइबोसोम , माइटोकांड्रिया आदि द्वारा बनाई जाती है। 

b. बाह्य स्रोत : पीतक की बड़ी मात्रा यकृत द्वारा संश्लेषित की जाती है और रुधिर के माध्यम से अंडाणु में पहुंचती है। कीटो के अंडाणु में यह वसा द्वारा स्रावित की जाती है।

Oocyte का विभेदन (oocyte Differentiation) - 

अण्डजनन (Oogenesis) की वृद्धि प्रावस्था मे न्यूक्लिक अम्लो व पोषक तत्वों के ऊप्लाज्म में एकत्रित होते समय विभेदन प्रारंभ हो जाता है।

i. सक्रिय (animal) व अक्रीय (vegetal) ध्रुवों का विभेदन एवं ध्रुव अक्ष की स्थापना।

ii. अधर व पृष्ठ सतहों की स्थापना।

iii. कॉर्टिकल विभेदन द्वारा प्लाज्मा झिल्ली के नीचे का ऊप्लाज्म का परिधीय स्तर विभेदीत होकर शेष भाग से विभेदीकृत होकर काचाभ (Hyline) हो जाता है।

3. परिपक्वन प्रावस्था (Maturation phase) :- 

यह अण्डजनन (oogenesis) की अंतिम अवस्था है। इसमें न्यूक्लियस के मीयोटिक भाजन (meiotic division) के बाद oocyte का साइटोप्लाज्म असमान रूप से विभक्त होता है। एक बड़े size का haploid egg तथा तीन छोटी Haploid polar bodies बनती है। इस प्रकार का असमान विभाजन अण्डे की विशेषता है। यदि यह विभाजन समान है तो साइटोप्लाज्म 4 बराबर भागो में बंट जाता है और इस तरह संचित भोजन की मात्रा विकास के लिए अपर्याप्त होती है। इस असमान विभाजन में 4 संतति कोशिकाओं में से एक में साइटोप्लाज्म तथा संचित भोजन की मात्रा काफी अधिक होती हैै, जो विकास कर रहे भ्रूण के लिए पर्याप्त होती है। परिपक्वन विभाजन को हम दो भागो में बांट सकते है -                                 

(i) प्रथम परिपक्वन भाजन (First Maturation division) :- 

अण्डजनन (Oogenesis) की प्रथम परिपक्वन भाजन या प्रथम meiosis से primary oocyte न्यूक्लियस में डुप्लीकेशन (duplication) , synapsis, crossing over , तथा chiasma निर्माण होता है। इसके बाद न्यूक्लियर मेंब्रेन टूट जाती है तथा बायवेलेंट (Bivalent) क्रोमोसोम विपरीत ध्रुवों की ओर चले जाते है। क्रोमोसोम फाइबर्स के संकुचन के कारण endoplasmic reticulum द्वारा संतति क्रोमोसोम्स के चारो ओर नया न्यूक्लियर आवरण बन जात है। कैरियोकाईनेसिस (karyokinesis) के बाद असमान साइटोकाइनिस (cytokinesis) होती है जिनके परिणामस्वरूप एक बड़ा haploid secondary oocyte तथा एक छोटी polar body या polocyte बनती है। 

 (ii) द्वितीय परिपक्वन भाजन ( second maturation division) :- 

                                      Haploid secondary oocyte तथा प्रथम polocyte में अब द्वितीय meiotic division होता है जिससे एक अण्डा तथा एक द्वितीय polocytes बनता है। द्वितीय meiotic भाजन द्वारा polocyte भी दो secondary polocytes मे विभक्त हो जाता है। Polocytes बाद में अदृश्य हो जाते है तथा अण्डा फर्टिलाइजेशन के लिए तैयार हो जाता है।  

               
अगर आपको अण्डजनन (Oogenesis) का यह नोट्स usefull लगा हो , तो कृपया comment box में बताए तथा अपना सुझाव साझा करे।          

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